अपनी खुशी के लिए कुछ करना हो, या फिर अपनों को, स्पेशल फील करवाना हो, तो अक्सर हम, सोचते हैं कि कुछ दिन बाद या अगले साल कर लेंगे। क्या आप भी यही, करते हैं? कंचन के कॉलेज टूर में, वो नहीं जा रही थी। उसकी मां ने उसे कहा - कि जब सभी दोस्त जा रहे हैं, तो चली जाओ। लेकिन कंचन ने कहने लगी- नहीं, फिर कभी ट्रिप जाएगी, तब चली जाउंगी। तब उसकी मां ने कहा, तुम्हारे इस निर्णय से, मुझे तुम्हारे दादा जी एक बात याद आ रही है। तुम्हारे दादा जी के, 2 बहुत अच्छे दोस्त थे। वो तीनों, अपनी-अपनी लाइफ में बिजी थे, लेकिन साल में एक बार, जरूर मिलते थे।
एक बार, जब वो मिले, तो उनमें से एक ने कहा- हम बूढ़े हो रहे हैं, क्या हम, अगले साल भी ऐसे मिल पाएंगे? दूसरा हंसकर बोला- अगला साल। पता नहीं, तब तक मैं जिंदा रहूंगा या नहीं। इस पर तुम्हारे दादा जी ने कहा- आज, मैं यहां तुम दोनों के साथ बैठा हूं, मुझे नहीं पता कि कब मेरी सांस, आखिरी होगी। कोई नहीं बता सकता कि, एक सांस के बाद, दूसरी आएगी भी, या नहीं। जीवन- दिन या सालों में नहीं, बल्कि हर पल, हर सांस में है। सच यह है कि अगले कितने मिनट या सेकंड, हमारे पास हैं, हमें नहीं पता। इसलिए जो लोग आपके लिए खास हैं, उनके साथ समय बिताने के लिए कल या अगले साल का इंतजार न करें। उन्हें, अभी, इसी पल- अपने होने का, एहसास करवाएं।